“हे, यरूशलेम! हे, यरूशलेम! तू जू ऋषी की हंत्त्या करे; अरह् ताँव कैई जुण्जे खुषख्बरी शुणाँदे डेयाल़ी थुऐ, तिन गाशी तुऐं पंत्थराच़ दियों, अरह् कैत्ती ही बंई मुँऐं चहाँव के जेष्णें कुँक्ड़ी आप्णें कुक्ड़ू आप्णी पख्याव दे कंट्ठै करियों थों; तेष्णें ही हाँभे तुवाँरे नहाँन्ड़िया कंट्ठै करू, परह् तुऐं ऐष्णों चहाँन्दें ने।