30 तबे बादे तेसी नंगर के रंहणों वाल़े लोग; प्रभू यीशू देख्दे तेथै आऐ।
30 तोबै सैजै शहर शै निकल़ैयो यीशु कै दैखणौ कारिए तैसकै धोरे आन्दै लागै।
“ऐशे ही दाँई जुण्जे पाछे असो, से आगे हले; अरह् जुण्जे आगे असो से पाछे हले।”
“चालो, ऐक आदमी देखो, जिन्ऐं मेरे जीवन की बादी बातो शुँणाँऐ दिती; झुण्जी किऐ मुँऐ करी थंई थी; कंद्दी ऐशो ने हंईयों के सेजे ही ‘मसीया’ हले?”
तबे चैले ऐं तेख्णीं प्रभू यीशू शी बिनती करी, के “हे रंब्बी! हे गुरू जी! तुऐं भे किऐ खाऐ करह्।”
तिऐं तिरंई ऐं आप्णी ऐजी गुवाऐ-शाज़्त्त दिती, के “तिन्ऐं मुँह कैई सेजो सब-कुछ, जुण्जो किऐ मुँऐ करी थो थियो, सजो आपु बुलो”; तबे ही तियाँरी ईयों गुवाई-शाज़्त्त के कारण तेसी नंगर के रंहणों वाल़े भहित्ते सामरी लोगे, प्रभू यीशू गाशी बिश्वाष करा।
तबे मुँऐ तेख्णीं तुओं कैई लोग डेयाल़े, अरह् तुँऐं ऐजो बैगे ही आछो करो, के तुऐं ईथै ईनकी गईलो आऐ; अरह् प्रभू! ऐं तुओं खे जुण्जी-जुण्जी अज्ञाँ देऐ थंई, तिन्दें शुँण्णों खे आमें बादे झुणें, पंण्मिश्वर के सहाँम्णें हाजिर असो।”
जबे संत्त-पौलुस अरह् बरनबास यहूदी-च़ौत्रें शे बाँईडे ज़ाँदे लागे थिऐ, तअ लोग तिनू ढह्लयाँदें लागे, के आगले बिश्वाष के देसे आँमों कैई शी ऐजी बातो हजो शुँणाँऐ।
“ईन्देंखे तुँऐ लोग जाँणीं पाव, के पंण्मिश्वर की ऐजी छ़ुट्कारे के खुषख्बरी गऐर-यहूदियों खे डेयाल़ी दिती; अरह् से जरूर शुँण्ले।”
ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐं निय्म बीचो दे आऐ गुऐ, जू अपराध बेजाऐ हों, परह् जेथै पाप बेजाऐ हुआ, तेथै कृपा तिन्दें शी भे बेजाऐ हऐ,