13 प्रभू यीशू ऊँडे आऐं, अरह् तिन्ऐ रोटी थागी; अरह् चैले खे दिती, अरह् तेष्णीं ही तिन्ऐ चैले खे सेजी माँछ़ी भी दित्ती।
13 यीशुए रोटी लोयो खै तिनुदी, औरौ ऐशैकैई माछी बै।
प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “तुऐं हेभी जुण्जी माँछ़ी थाँहम्बड़ी थंई; तिनू मुँझ्शी किऐ माँछ़ी ईथै लियाव।”
जबे चैले टीराँव्टी गाशी नाव शे ऊदे ऊत्रे, तअ तबे तिन्ऐ बोल़े अंदे अंगारो गाशी आगे ही थंई अंदी माँछ़ी, अरह् सहाँम्णें थंई अंदी रोटी भे देखी।
तबे प्रभू यीशू ऐ रोटी कोरी, अरह् पंण्मिश्वर का धन्यबाद करियों बईठे अंदें लोगो खे बाँडी दिती; अरह् तेष्णी ही सेजी दो माँच्छी भे जेस्के जैतोड़ी चेंई थी, तेस्खे तै-तोड़ी बाँडियों देऐ दिती।
“ईथै ऐकी टड्के कैई, ज़ौ की पाँच रोटी, अरह् दो भुजीं अंदी माँच्छ़ी असो, परह् ऐजी रोटी ऐत्रे लोगो खे किऐ ने आथी?”
सोभी लोगो कैई शे ने परह् तिनू गुवाह्-शाज़्त्त कैई शे देखाई पड़े; जिनू पंण्मिश्वर ऐं च़ूणी-छ़ाँटी थुऐ थिऐ, सेजे गुवाह्-शाज़्त्त आँमें ही असो; अरह् दुज़ाल़िऐ तिन के ऊबे जीऊँणों गाशी, आँमें तिनकी गंईलो खाऐ-पीं थों।