9 पाप के बारे दो; किन्देंखे के से मुँह्दा बिश्वाष ने कर्दे;
9 सै पाप कै बारै मुंजी यकीन दिलांदा कै सै मुं पांदी बिशवाश कौरणौ शै इन्कार कौरौ।
अरह् जुण्जे बिश्वाष कर्ले, अरह् नहाँण-नहाँले से मुँक्त्त हंऐयों बंची ज़ाले, परह् जुण्जे बिश्वाष ने कर्ले, से दागी अरह् तिनखे सजा भेटली।
सेजी पबित्र-आत्त्माँ संईसारी के संहाँम्णें पाप, अरह् धार्मिक्त्ता अरह् नियाँव के बारे दे दोष-कसूर पर्गट करदा; जिन्दें लई कसी के किऐ बुल्णीं ने आँव।
हाँव तअ ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐ निय्म के बिना आगे जीऊँदा थिया, परह् जबे मुँऐं ऋषी-मूसा के निय्म के बारे दो जाँणी पाव, तअ के हाँव पापी असो, ऐजो मुँऐं जाँणीं पाव, अरह् हाँव पंणमिश्वर आरी के नाँत्ते शा दुरका हुवा।
हाँव तअ आगे पंण्मिश्वर की नीदया कर्णो वाल़ा, सताणों वाला, अरह् अ-नियाँई कर्णो वाल़ा थिया; तबे भे तिन्ऐ मुँह गाशी दया-रंय्म करी, किन्देंखे के अ-बिश्वाष की दशा दा बिना सुच्चै-संमझे हाँव ऐजी काँम करू थिया।
हे भाऐ-बंईणों च़ौक्क्ष रूऐ, के तुँओं मुँझी कुँऐं बुरे अरह् बै-बिश्वाषी मंन के ने हों, जू तुँओं से जीऊँदे पंण्मिश्वर शे दुर्के ने नींयों।