4 हाँव जेथै खे ज़ाँदा लागा, तेथै के बाट तुऐं भे जाँणों ऐ।”
4 जिथै हांव जांदा लागै रौआ तुऐं तिथै कै बाट जाणौए।”
कियों जरूरी थी ने, के मसीया ऐजा बादा दु:ख्ह भूगों, अरह् ऐषी ही दाँई आप्णी बड़ियाई लंई दाखिल हंदें?”
हाँव ही दुवार असो; जे कुँऐं मेरे कारण जीवन दे दाखिल हों, तअ से छ़ुट्कारा पाँदें; अरह् से भीटे-बाईडे आँदे ज़ाँदे रंह्दे, अरह् तिनू खाँणा-पींणा भेट्दा रंह्दा।
जे कुँऐं मेरी सेंवा करह्, तअ से मुँह पाछी आँव; अरह् जेथै हाँव असो, तेथै मेरा दास भे हंदा। जे कुँऐं मेरी सेंवा करह्, तअ बाबा तैस्की आदर-ईज्जत करला।
प्रभू यीशू ऐजो जाँणो थिऐ, के बाबा ऐं सब-कुछ़ मेरे हाथों दो देऐ थुओ; अरह् ऐजो भे जाँणों थिऐ, के हाँव पंण्मिश्वर कैई शा आऐ रूवा, अरह् पाछ़ू पंण्मिश्वर कैई ज़ाँदा लागा।
मेरे बाबा के घरह् दे बैजाऐ रंहणों की जागा असो, जे हंदी ने; तअ हाँव तुँओं कैई आगे ही बुली देंदा, अरह् हाँव तुओं खे जागा तियार करदा ज़ाँदा लागा।
तुँऐं मुँह ऐजो बुल्दे शुँणा, के ‘हाँव ज़ादा लागा, अरह् हजो पाछु तुओं कैई आऊँबा।’ जे तुँऐं मुँह आरी प्यार कर्दे, तअ ईयों बातो शुँणियों बैजाऐ खुशी हंदे; किन्देंखे के हाँव बाबा कैई ज़ाँदा लागा, जुण्जे के मुँह शे बैजाऐ महाँन बड़े असो।
तेथै ज़ाऐयों हाँव तुओं खे जागा तियार करियों, हजो पाछ़ू आँऊबा; अरह् तुओं भे आप्णी गंईलो तेथै नींह्ऊँबा जेथै हाँव असो, अरह् तबे तुऐं भे मेरी गंईलो तैथी ही रंह्ले।
प्रभू यीशू के चैले थोमा ऐ, तिनखे बुलो, “हे प्रभू! तुऐं केथै झ़ाँदे लागे, ऐजो आँमें जाँण्दे ने; तअ तबे आँमें तेथै के बाट कैऐ-कैऐ जाँण्दे।”
होर, हाँव बाबा के डेयाल़्णों, शा ही ईयों संईसारी दा आया; अरह् ऐबे मुँऐ ईयों संईसारी छ़ुड़ी लऐ, के हाँव हजो बाबा कैई पाछ़ू ज़ाँऊ।”
जुण्जा कुँऐ बैटे गाशी बिश्वाष करला, अमर-जीवन तेस्का असो; परह् जुण्जा कुँऐं बैटे गाशी बिश्वाष कंरदा भाजी ज़ाँव, तेसी अमर-जीवन ने भेंट्दी; परह् पंण्मिश्वर का रोंष तेसी गाशी बंणाँ अंदा रंह्दा।”
किन्देंखे के मेरे बाबा के हिछ़या ऐजी असो, के जुण्जा बैटा देखो अरह् तेस्दा बिश्वाष करह्, तेसी अमर-जीवन भेंट्दा; अरह् हाँव तेसी आखरी के देसे हजो जीऊँदा करी देऊँबा।”