18 हाँव तुँओं अनाँथ ने छुड़्दी; हाँव हजो तुँओं कैई पाछ़ू आँदा लागा।
18 “हांव तुऔं कै निमाएड़े ना छोड़दा, हांव तोंवारै धोरे पाछु आन्दा।
किन्देखे के जेथै दो के च़ींन मेरे नाँव गाशी कठे हों, तेथै हाँव तिनके बिचो दा हाजिर रंऊँ।”
अरह् जुण्जी मुँऐं अज्ञाँ देऐ थई, सेजी बादी बातो तिन कैई शी माँनणीं शिखाव: अरह् दे:खो, हाँव संईसारी की अंन्त्त तोड़ी सदा तुँवारी गईलो असो।”
हाँव बाबा कैई ऐजी अरज़ करूबा, अरह् से तुँओं खे ऐक मदत्तगार देला, जुण्जा संदा काल तोड़ी तुवाँरी गईलो रंह्ला।
तेथै ज़ाऐयों हाँव तुओं खे जागा तियार करियों, हजो पाछ़ू आँऊबा; अरह् तुओं भे आप्णी गंईलो तेथै नींह्ऊँबा जेथै हाँव असो, अरह् तबे तुऐं भे मेरी गंईलो तैथी ही रंह्ले।
“किऐ ही बख्त्तो दा तुँऐं मुँह ने देख्दे, अरह् किऐ ही बख्त्तो दा, तुऐं मुँह हजो पाछ़ू देख्ले।”
मुँऐं तुओं कैई ऐजो सब-कुछ़ ईन्देंखे बुलो, के तुँओं शाँण्त्ति भेटो; किन्देंखे के संईसारी दे तुओं खे सिर्फ दु:ख्ह अरह् कल़ेष असो; परह् आँनन्दित्त खुशी हुऐ, के मुँह संईसारी गाशी जींत्त भेंटी रंऐ।”
अमाँरा प्रभू यीशू मसीया आपु ही, अरह् अमाँरा परंम-पिता पंण्मिश्वर, जिन्ऐं आँम शो प्यार करह्, अरह् कृपा शे सदा की शाँण्त्ति अरह् पबित्र भोर्षा देऐ थुवा।
किन्देंखे के जबे तिनू परख-अजमाँणों के दषा दा दु:ख्ह भुगणा पड़ा, तअ से तिनकी भी मंद्दत्त करी सको, जिनकी परख-अजमाँऐष हों।