17 तुऐ ऐजी बातो तअ जाँणों ऐ, अरह् जे तुऐ ईनू बातो गाशी चालो, तअ तुऐं भागोंईत्त असो।
17 तुऐं ऐबै इनु बातौ कै जाणौए, औरौ जै तुऐं तिनु पांदी चालौ, तौ धन्य औसौ।
किन्देखे के जुण्जे कुँऐ मेरे स्वर्गो के पिता की हिछ़ा गाशी चालो, सेजे ही मेरे भाऐ, अरह् मेरी बऐणीं, अरह् मेरी माँ असो।”
परह् प्रभू यीशू ऐ बुलो, “होर, परह् जादा भाग्ईंत्त सेजे असो! जुण्जे पंण्मिश्वर का बचन शुण्णों, अरह् तिन्दे का पाल़्ण करह्।”
जे तुऐं मेरी अज्ञाँ का पाल़्ण करह्; तअ तुऐं मेरे दोस्त्त-साथी बँण्दे।
(किन्देंखे के पंणमिश्वर के नंजर दे ऋषी-मूसा खे निय्म शुणाँणों वाल़े ने, परह् ऋषी-मूसा खे भेटे गुऐं निय्मो दे चाल्णों वाल़े बै-कसूर बंण्दें।
प्रभू यीशू मसीया दा बिश्वाष कर्णो लई, ना खतना, अरह् ना बिना खतने का, तिन्दें का किऐ मतल्व ने आथी; परह् जे मतल्व असो, तअ सिर्फ बिश्वाष का, जुण्जा पियारो लई करा ज़ाँव।
परह् जू आदमी पंणमिश्वर के बादे ज्ञाँन-निय्म के मुँताबिक नंजीक शे दे:खो, जिन्दे लई तेसी अजादी भेंटो, अरह् तिन्दे गाशी से बिचार भे करिया करह्, अरह् शुणिऐयों बिना भूली-बिसरी तिन्दे के बिचार दा चाल्दा रंह्, सेजो ही आप्णे कर्मों खे आशिर्बाद पाँदा।
ईन्देंखे जू कुँऐं भलाऐ कर्णी जाँणियों भे जे कुँऐ भलाऐ ने करह्, तअ से पाप करह्।
“भागोईंत्त असो! सेजे जिन्ऐं आप्णें चाल-चल्ण के खोट्णों जिऐ धूई पाँऐ; किन्देंखे के से जीवन के डाल़ो के हंकदार, अरह् से कुवाड़ो बाटी सुऐं करियों तेसी नंगर दे हाजीर हंदें।