43 ऐजो बुलियों, प्रभू यीशू ऐ जुराल़ो बुलो, “ओ, लाज़र! बाँईडा आ!”
43 ऐजौ बौलेयौ खै तैणै बौड़ै जोर शै धाव दै, “ओए रै लाजर, बांईडा आ!”
चैले बैजाऐ डरी रूऐ थिऐ, अरह् आपु मुँझी पह्ली रूऐ थिऐ, के “ऐ कुँण असो, जू ढोंढ पाँणी भे इन की अज्ञाँ माँनोंं?”
हाँव जाँणू थिया, के तू सदा मेरी प्रार्थना शुँणें। परह् मुँऐं ऊडे-पुडे खह्ड़े हुऐं अंदे आदमी के कारण ऐष्णों बुली लो; जिन्दें लई ऐ बिश्वाष करह्, के तुँऐं ही मुँह डेयाल़ी थुवा।”
तबे: सेजा मँरा अँदा आदमी बाँईडा आया। अरह् तेस्के हाथ, लात्त कंफ़न लई बाँने अंदे थिऐ; अरह् तेस्के मुँहों ज़ात्ती ऊँदा साफ़े का डाट लाया अंदा थिया। तबे प्रभू यीशू ऐं लोगो खे बुलो, “ऐस्के बाँनणों ऊँडे खुलो, अरह् ऐसी ज़ाँणों दियों।”
प्रभू यीशु (फ़सह) शे छ़: देसो आगे बैतनिय्याह गाँव दे आऐं, जेथै लाज़र रंह् थिया; जेसी तिन्ऐ मँरे अँदे मुँझ्शा ऊँबा जीयाल़ा थिया।
जबे यहूदी लोगो की बै-शुमाँर भीड़ो कैई ऐजा पता लागा, के प्रभू यीशू ईथी असो; तअ से सिर्फ तिनू देख्दे ही ने, परह् तेसी लाज़र देख्दे भे आऐ; जैसी मँरे अँदे मुँझ्शा प्रभू यीशू ऐं ऊँबा जीयाल़ी थुवा थिया।
संत्त-पतरस ऐं ऐजो देखियों लोगो खे बुलो, “हे इस्राएली, भाऐ-बंईणों! तुँऐं लोग ऐसी आदमी देखियों हरान कैई हंऐ रूऐ, अरह् तुँऐं अमाँरी ढबै ऐष्णों नींह्जाऐयों कैई देखी लो; के पताने आँमें ही ऐसी आदमी आप्णी शक्त्ति-भगत्ति लंई, हाँड्णों-फीर्णो ज़ूगा करी थुवा।
अरह् संत्त-पतरस ऐं बुलो, “मुँह कैई सुन्नों अरह् चाँदी तअ आथी नें; परह् जुण्जो किऐ मुँह कैई असो, सेजो ही हाँव ताँव्खे देऊँ: नासरत के रंहणों वाल़े, यीशू मसीया के नाँव शा बीऊँज अरह् ऊँडा-पुडा हाँड!”
संत्त-पतरस ऐ तेस्खे बुलो, “हे एनियास! यीशू मसीया ऐ ताँव चाँग्गा करी लुवा; बीऊँज अरह् आप्णा बिछ़ाँव्णा आपु ठीक करह्,” तबे से तेख्णीं ऊबा बींऊँजियों खड़ा हुआ।
तबे संत्त-पतरस ऐ बादे लोग तेथै शे बाँईडे गाड़े, अरह् तेने घुडकुँणिऐं प्रार्थना करी; ईन्दें पाछ़ी तिन्ऐ तेसी मुँड़्दे के ढबै पाछ़ू फीरियों बुलो, “तबिथा, बीऊँज!” तबे तिऐं आप्णी आँख खुली, अरह् संत्त-पतरस देखियों से ऊँबी बंऐठी।