हाँव ही दुवार असो; जे कुँऐं मेरे कारण जीवन दे दाखिल हों, तअ से छ़ुट्कारा पाँदें; अरह् से भीटे-बाईडे आँदे ज़ाँदे रंह्दे, अरह् तिनू खाँणा-पींणा भेट्दा रंह्दा।
“तुऐं लोग आपु खे, अरह् आप्णीं बादी मंडल़ी खे संक्न्नै-च़ौक्ष रूऐ; ईन्देंखे के पबित्र-आत्त्मा ऐ तुओं खे ईयों मंडल़ी की रंख्वाल़ी का पंद्-भार देऐ थुवा, के तुऐं पंण्मिश्वर की कलीसिया के साच्चै भेंड़वाल़े बंणों; जिनू पंण्मिश्वर ऐं आप्णें बैटे के लंह्ऊँ देऐयों धारण करी थुऐ।
जिन्ऐं भैड़ो का सेजा बड़ा भैड़वाल़ा मतल्व अमाँरा प्रभू यीशू मसीया के हमेशा के वाचा को लह्ऊँ के कारण मँरे अंदे मुँझ्शे आँमों ऊबे जीयाल़े तेसी सदा के बाय्दे गाशी मुहर लाऐयों सेजा शाँण्त्ति का दाता पंण्मिश्वर ही असो,