11 कियों ऐकी ही फट्वाँणी के नाल़े शो, मीठो अरह् खरयाल़ो पाँणी दूईन्नै साथी निक्ल़ी सको?
11 का सोतै कै ऐकी मुँह पौरैशौ मीठु औरौ नुणाटौ पाणी दुईनै निकल़ौ? ना,
हे मेरे प्यारे भाऐ, बंईणों, ऐकी ही ज़ात्ति-मुँह शा अमाँरे आशिर्बाद, अरह् श्राँप-फींटकारा दुईनें नींक्ल़ो! ऐजो आँमों खे गलत असो!
हे मेरे भाऐ बंईणों, कियो तेर्मोल़ो के डाल़ों दे जाँमरह् अरह् जाँमरह् के डाल़ो दे, तेर्मोल़ो कद्दी ने लागदे? तेष्णों ही फट्वाँणी के ऐकी नाल़े दो खरयाल़ो अरह् मीठो पाँणी दुईनें ऐक साथ ने आऐ सक्दो।