17 तेष्णा ही बिश्वाष भे, जे करंम आरी ने हों, तअ आप्णे सभाव शा मरा अंदा असो।
17 ऐशैखैई बिशवाश बै जै भले कामौ कै साथै ना हौंव तौ बैकार औसौ।
परह् ऐबे बिश्वाष, भूर्षा, अरह् पियार, ऐजे चींन्ने अट्ल़ असो, परह् ईन्दों सोभी शो जादा पियार बोढ़ो असो।
जे हाँव आप्णी बादी घरोवची कंगाल-गरीबो कैई शी खियाऐं देऊँ, के आप्णी देह्-शरीर जल़ाणों खे देऐ देऊँ, अरह् पियार ने करू, तअ मेरा किऐ फाय्दा ने आथी।
प्रभू यीशू मसीया दा बिश्वाष कर्णो लई, ना खतना, अरह् ना बिना खतने का, तिन्दें का किऐ मतल्व ने आथी; परह् जे मतल्व असो, तअ सिर्फ बिश्वाष का, जुण्जा पियारो लई करा ज़ाँव।
अरह् आप्णें परंम पिता-पंण्मिश्वर के सहाँम्णें तुवाँरे बिश्वाष के काँम-अरह् प्यारों के मेंहन्त्त अरह् अमाँरे प्रभू यीशू मसीया दे अटल भोर्षे के धिरज दे हमेशा चींत्ते थंह्।
अज्ञाँ का मंतल्व ऐजा असो, के शुद्ध मंन अरह् आछे बरताव, अरह् बिना कऊँट्ल़े बिश्वाषों लई प्यार पय्दा हों।
हे मेरे भाऐ बंईणों, जे कुँऐं आदमी बुलो, के हाँव बिश्वाषी असो, अरह् तेस्का सभाव तेसी बिश्वाषी जेष्णाँ ने हों? तअ कियो तेस्का बिश्वाष तेस्खे मुँक्त्ति देऐ देंदा?
अरह्: जैष्णी देह्-शरीर आत्त्मा के बिना मरी अंदे असो, तेष्णा ही बिश्वाष भे कर्मों के बिना मंरा अंदा असो।