बिश्वाष के कारण हाबिल ऐ कैन की बरा-बरी दे बैजाऐ बड़ी भेंट-बल़ी चढ़ाऐ। अरह् तेसी ही बिश्वाष के कारण हाबिल ऐक धरंमाँत्त्माँ माँना गुवा, किन्देंखे के पंण्मिश्वर ऐ तेस्की भेंट-बल़ी स्वीरार करी; अरह् से मँरी गुवा, परह् तेसी ही बिश्वाष के कारण ऐत्त्लो भे आँमें ऐजी ऐक गुवाऐ-शाज़्त्त दियों।