5 किन्देंखे के ऐक नाँम आदमी आप्णा ही भार-बूझ टिप्ला।
5 जिथुकै आमु मुंजीदै हरेक खै खुद कै कामौ कै जुमैवारै लोणे चैंई।
आदमी का बैटा आप्णे पिता की बड़ियाऐ दे आप्णें स्वर्गदूत्त की गईलो आला, तबे से ऐक नाँम आदमी खे तिनके काँम-काज के मुताबिक प्रतिफल़ देले।”
बोणों वाल़ा, अरह् सिज्णों वाल़ा, दुईनें ऐक ही असो; परह् ऐक नाँम आदमी आप्णी ही मेंह्नत के हिसाब शा प्रत्ति-फल़ पाँदे।
ईन्देंखे जाँव तोड़ी प्रभू ने आँव, तेसी बख्तो शा आगे कोसी भी बातो का नियाँव ने करे: किन्देंखे के से ईनाँरे दी दब्बी अंदी बातो आपु पियाशै दी दे:खाले, अरह् आदमी के मंन के बिचार भे आपु पर्गट कर्लें, तबे पंणमिश्वर की ढबे शी ऐकी नाँमों के बड़ियाऐ हली।
हाँव तिनके नहाँन्ड़िया माँरी देऊँबा; तबे बादी कलीसियाऐं जाँणी पाली, के दिल अरह् मंन का पर्ख्णो वाल़ा हाँव ही असो, अरह् हाँव तुँओं मुँझी शे ऐकी नाँमों खे तिनके काँम-काज़ के मुँताबिक बद्ल़ा देऊँबा।
“देख, हाँव शीघा आँणों वाल़ा असो; अरह् ऐकी नाँमों के काँम-काज़ के मुँताबिक तिनखे तिन्देंका प्रत्ति फ़ल़ देऊँबा।