4 कियों तुँऐं ऐत्रा दु:ख बै-कार ही भूगा? परह् बिल्कुल् बै-कार ने भूगी।
4 बिशवाशी बौणणौ कै बाद तुऐं बैजाए दुख उठाए। हांव सौथीखै आशा कौरु कै ऐजै दुख बैकार ना आथी।
तियों ही खुषख्बरी के जाँणें तुवाँरे मुँक्त्ति भे हों; अरह् जे तुँऐं तियों ही खुषख्बरी दे अट्ल़ हों, जुण्जी मुँऐ तुँओं कैई शी शुणाऐ थऐ, तअ तुवाँरा बिश्वाष बै-कार ने ज़ाँदी।
कियो तुँऐं ऐत्रे बै-अकल असो, के आत्त्मा की रित्ती गाशी शुरू करियों; अरह् आदमी के कर्मो के जाँणें खत्त्म कर्ले?
आप्णे बारेदे च़ौक्क्ष रंह्, के जू मेंह्नत्त आँमें करी थऐ, सेजी तुँऐं गुवाऐ ने दियों, परह् तिन्दे का आछ़ा फल़ पाँव।