किन्देंखे के तुँओं खे गुलामी की आत्त्मा ने भेंटी रंंई, के हजो भे डरियों रंह्, परह् आँमों खे गोद् लुऐं गुऐ बैटे की आत्त्मा भेटी रंऐ, जिन्दे के सहाँरे आँमें हे अब्बा, हे बाबा, बुलियों पुकारो।
किन्देंखे के जबे कुँऐं तुँओं दास बंणाऐं पाँव, के खाऐ पाँव, के फशाऐं दियों, के आपु आपु खे बड़ा बंणाऐं पाँव; के तुवाँरे मुँहों दी थाप्पै लाँव, तअ तुँऐं सह्ऐन करह्।
हाँव बार-बार यात्रा दा; नंदी के खत्रै दा; डाकूँ के खत्रै दा; आप्णें यहूदी भाई के खत्रै दा; गयर-यहूदियों के खत्रै दा; नंगरो के खत्रै दा; जाँगल़ों के खत्रै दा; सँमुन्द्रों के खत्रै दा; झूट्ठै भाईयों के बीच के खत्रै दा रूवा।
ईन्ही ही लोगो मुँझ़ी सेजे भे लोग हंदें, जुण्जें के ओकी के घरह् दे चुर्ड़िऐ घुसरियों आँव, अरह् तेसी घरह् की चंचल तिरंई ठंगियों आप्णें बंष दी करह्; जुण्जी तिरंई पाप दी पंड़ी अंदी, अरह् कंई किस्मं की हिछ़याओं की बंष दी फ़ंषी अंदी हों।
हे प्यारों, सोभी आत्त्मा का बिश्वाष ने करे, परह् आत्त्मा के परख करह्, के सेजी आत्त्मा पंण्मिश्वर की असो ऐ, के आथी ने; किन्देंखे के बैजाऐ झूठे ऋषी संईसारी दे ऋषी बंणियों चाल पड़े।
किन्देंखे के केत्रै ऐशे लोग चुप-चाँण आँमों मुँझी मिली रूऐ; जिनखे तियों सजा के बारे दो पुराँणें निय्म दो आगे ही लिखी थुवो थियो: ऐजे लोग नास्तिक असो, अरह् अमाँरे पंण्मिश्वर की कृपा लुच-पंण बईमानी दा बद्ल़ी दियों, अरह् अमाँरे सिर्फ ऐक ही स्वामी, अरह् प्रभू यीशू मसीया मान्णों शे ऐ भाजी ज़ाँव।