प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “हे शमौन, योना का बैटा, तू भागोईत असो! किन्देखे के ताँव कैई ऐजा सचाई का प्रकाष कराँणा, कोसी आदमी का काँम ने आथी; परह् मेरे स्वर्गो के पिता का काँम असो, जिन्ऐं ऐजी बात ताँव गाशी पर्गट करी।
“साँगड़ी देओल़ी दो भिटो ज़ाणों कठींण हो, परह् तुँऐं भे कोशिष करह्; किन्देंखे के हाँव तुँओं खे बुलू, के कोशिष कर्णो गाशी भे भहिते लोग तिन्दें दाखिल ने हऐ बल़्दे।
किन्देंखे के हाँव जुरूर जाँणू, के ना मऊँत, ना जीवन, ना स्वर्गो के दूत, अरह् ना बुरी राज कर्णो वाल़ी आत्त्मा, ना हेभी की बातो, अरह् ना बिती अंदी बातो, अरह् ना हंणों वाल़ी बातो, ना शक्त्ति, अरह् ना अगाषो की किऐ शक्त्ति,
अरह् तिनू बै-बिश्वाषी खे, जिनकी बुद्धी ईयों संईसारी के ईश्वर ऐ शैड़ी बाँणी थऐ, जे मसीया जू पंण्मिश्वर का सरूप असो, तिन के त्तेजमंऐं खुषख्बरी का प्रकाष तिनू गाशी ने चंम्को।
जबे पंण्मिश्वर के ऐजी हिछ़ा हऐ, के मुँदा आप्णें बैटे का ज्ञाँन पर्गट करा, के बै-बिश्वाषी लोगो मुँझी खुषख्बरी का प्रचार करू, तेसी बख्ते मुँऐं कोसी आदमी की सलाह्-मशोहरा ने करी।
किन्देंखे के तुवारा चाल-चल्णँ आगे ऐसी ज़ूगौ के रित्ति-रूवाज के मुँताबिक, जू अस्माँनों दा हंक-अधिकार जमाँनों वाल़े, हाकमों के मुँताबिक थिऐ; जुण्जे तियों आत्त्मा के बंष दे थिऐ, जुण्जी आत्त्मा हेभी तोड़ी पंण्मिश्वर के बिरोधियों आरी काँम-काज़ करह्।