12 किन्देंखे के तिनके चुप्पी के काँम-काज़ की चर्चा भे बैशर्मी की बात असो।
12 जिथुकै अबिशवाशी लोगौ कै छिपैयौंदे कामौ कै चौर्चा बै शर्म कै बात औसौ।
जेसी देसे पंणमिश्वर मेरी खुषख्बरी के मुँताबिक शा प्रभू यीशू मसीया के जाँणें आदमी की चुप्पी की बातो का नियाँव करदा।
जुण्जे लोग ईनाँरे के नीषफल़ काँम-काज़ करह्, तुँऐं भे तिनके साथी ने बंणे; परह् तिनखे ऐजो बुलो, के ऐजे बुरे काँम-काज़ तुऐं भे ने करे; अरह् तुँऐं तिनू भे सम्झाऐ,
त्तेज-प्रकाश ईनू बादी बुरी बातो पर्गट करी दियों, अरह् इन बातो की असलिय्त रूप सोभी कैई शा देखाँव,
जेष्णें के पबित्र लोग हुऐ चैई, तुवाँरे बिचो दे किऐ भे च़ूरीजारी ने हंऐ चैंई, अरह् ना किऐ अशुद्ध काँम-काज़, अरह् ना किऐ लोभ-लाल़्च, के बात तक ने हऐ च़ैई;
किन्देंखे के अ-बिश्वाषी लोगो की जैई काँम-काज़ ने करे, अरह् चलाकी, की बुरी हिछा, मतवाल़ापंण, बुरो हस्णों-खेल्णों, पिय्कड़पंण, अरह् शंगाँव्णी मुर्त्तियों पूजा दा जेथै तोड़ी आँमें आगे बख्त गुवाऐ थुवा, सेजा भे बैजाऐ असो।
तबे मुँऐ छुटे, बड़े बादे मँरे अँदे सिंगाँस्हणों के सहाँम्णें खड़े देखे, अरह् कताबे खुली गई; अरह् तबे ऐक ऊकी कताब खुली गऐ, मतल्व जीवन के कताब; अरह् जेष्णों तिनू कताबे दो लिखों अंदो थियों, तेष्णों ही तिनके काँम-काज़ के मुँताबिक तिनू मँरे अँदे का नियाँव करा गुवा।