जू तुवाँरा चाल-चल़्ण प्रभू ज़ूगा हों, अरह् से हर तरेह् शे खुशी हों; अरह् तुँओं दे हर किस्म के भले काँम का फल़ लागो, अरह् पंण्मिश्वर के पछ़याण दे बढ़्दे ज़ाँव।
परह् जे कोसी बिध्वा के नहाँन्ड़िया, के नात्ती-पोत्ती हों, तअ से आगे आप्णे ही कुड़बै आरी भगत्ति का बरताव करह्; अरह् आप्णें माँ-बाबा खे तिनका हंक देणाँ तिनू नहाँन्ड़िया कैई शा शिखाँव; किन्देंखे के सेजो पंण्मिश्वर के भे भाँव ऐ;
ईन्देंखे आँमों ऐसी राज्य भेंटियों जू झ़िक्णों को ने आथी, तअ: आओ आँमें धन्यबाद करह्, अरह् भगत्ति अरह् डर आरी पंण्मिश्वर की ऐशी अरार्धना करह्, जिन्दे लई से खुशी हों,