के से आप्णी बड़ियाऐ के धन के मुँताबिक तुँओं खे ऐजो दाँण दियों; के तुँऐं तिनके पबित्र-आत्त्मा शे आप्णें भत्ले आछे बिचार दे शक्त्ति पाँऐयों तागतबर बंणदे ज़ाँव,
अरह् शुँल़ी-फ़ाँषी गाशी लह्ऊँ बुवाणों के कारण शाँण्त्ति के मेल-झोल कराऐयों, तिनके ही जाँणें संसारीक हों भाँव स्वर्गिऐ तिन्ऐं आपु ही आरी बादा मेल-मिलाप कराया।