4 प्रार्थना करे के हाँव तिनू तैष्णें पर्गट करू जैष्णें मुँह ठीक-ढंग शे कर्णे पड़ो।
4 औरौ प्रार्थना कौरौ कै हांव मसीह कै भैद कै खौलेयौ बौताए सौकु।
प्रभू! ऐबे तुऐं तिनकी धंम्कियों गाशी ध्याँन दियों, अरह् आप्णें सेंवकों खे ऐजी दीड़-हिमम्त्त दे; के से निंडर हंऐयों तेरा बचन शुँणाँव।
तबे ईन्दें गाशी संत्त-पतरस अरह् ओकी खास-चैले ऐं ऐजा जबाब दिता, “आँमें तअ आदमी की अज्ञाँ शी जादा पंण्मिश्वर की अज्ञाँ का पालण करणा ही आप्णाँ फर्ज जाँणों।
ईन्देखे ऐसी भुर्षें आरी आँमें हिम्मत करियों बुलो,
जिन्देकी ताँईऐं हाँव शाँगल़ी दा हिड़कऐयों अंदा राजदूत्त असो; अरह् ऐजो भे के मुँह तिनके बारे दो जेष्णों बुल्णों पड़ो, हाँव तेष्णों ही दिड़्-हिम्मत्त करियों बुली सकू।
बख्त्त-मुक्का किम्त्ती जाँणियों बाईले आरी बुद्धीमाँनी शा बर्ताव करे।
तुँवारी बात-चीत्त सदा मिट्ठी मंन भाऊँ हों, जू तुँऐं ऐजो जाँणी पाँव के कोसी आदमी खे केष्णा जबाब देणा पड़ो।