पंणमिश्वर जिनकी सेवा हाँव आप्णें पुरे दिल शी तिनके बैटे की खुषख्बरी के बारे दी करू, से मेरे गुवाह्-शाज़्त असो, के हाँव तुँओं केष्णें हमेशा चिंतोंदा रंहू।
हाँव चहाऊँ के तुँऐं जाँणी पाव, के तुवाँरे अरह् तिनखे जुण्जे लौदीकिया नंगर दे असो, अरह् तिनू सोभिखे जिन्ऐं मुँह आँम्णें-सहाँम्णें ने देखी थई, के हाँव केष्णी मेंह्नत्त करू।