1 हनन्याह नाँव का आदमी अरह् तेस्की घरवाल़ी सफीरा ऐ किऐ जीम्मी बिकी।
1 हनन्याह नांव का ऐक आदमी, औरौ तैसकै घोरवाल़ी सफीराए आपणी किछै जायदात बैकै।
बाबा ऐ जिनू लोग मुँह कैई देऐ थुऐ, सेजे ऐक नाँम जुण्जें मुँह कैई आँव, तिनू हाँव कंद्दी ने छ़ूड़्दा।
तैस कैई किऐ जींम्मी थी, जियों जिम्मीं तेने बिकी दिती, अरह् दामों के रूपिऐं लियाऐयों प्रभू यीशू के खास-चैले के लातो गाशी थंऐ दित्ते।
अरह् तियों बीकी अंदी जींम्मी के दाँम मुँझ्शो किऐ तिन्ऐ चुप्पी आपु कैई थुओं, अरह् सेजी बात तेस्की घरवाल़ी भे जाँणों थी, अरह् तिनू रूपिऐ का ऐक हिस्सा आँणियों तेने हनन्याह ऐं खास-चैले के लातो गाशी थुवा।
सैठो आदमी के घरह् दे सिर्फ सुन्नें-चाँदी के ही बाँस्णों ने हंदी, परह् लाकड़ी अरह् माटी के बाँस्णों भे जरूर हों ऐ; कुँऐं-कुँऐं बाँस्णों ईज्जती खे, अरह् कुँऐं-कुँऐं बाँस्णों बर्तोणों खे भे जरूर हों।