“हाँव यहूदी असो! हाँव किलिकिया के तरंसुस नंगर दा पय्दा हऐ रूवा; अरह् मुँऐ ऐसी नंगर दे ही गुरू-गमलीएल के लात्तो कैई बऐठियों शिक्क्षा-दिक्क्षा लऐ थंऐ; मुँऐं आप्णें पुराँणियाऐं के रित्ती-रूवाज के बिधी-बिधान का बादा अध्यन करी थुवा; हाँव पंण्मिश्वर का तेष्णा ही आरार्धना कर्णों वाल़ा बंणाँ, जेष्णें तुऐं असो।