हाक्म-फेलिक्स कैई ऐसी “बाट” के बारे दी आच्छ़ी जाँणकारी थी, तबे तेने सेजी शुँणवाँऐ बंद करी, अरह् यहूदी बुड़े-बुजूर्गो खे बुलो; “जबे पल़ट्ण का सरदार लूसियास आला, तबे हाँव तुँवारी बातो का नियाँव करूबा।”
तेने दमिश्क के चौत्रें के नाँव दे पत्र माँगे, जिन्दा तेस्खे ऐजा हंक-अधिकार दिया गुवा थिया; के जे कोसी भे बिश्वाषी यरूशलेम दे बाँनियों आँणों, से तिरंई, हों भाँव मंरोद् हों।
हाँव बार-बार यात्रा दा; नंदी के खत्रै दा; डाकूँ के खत्रै दा; आप्णें यहूदी भाई के खत्रै दा; गयर-यहूदियों के खत्रै दा; नंगरो के खत्रै दा; जाँगल़ों के खत्रै दा; सँमुन्द्रों के खत्रै दा; झूट्ठै भाईयों के बीच के खत्रै दा रूवा।