24 परह् पंण्मिश्वर का बचन बढ़दा अरह् फऐल्दा लागा।
24 पौरमेशवर का वचन फौयल़दा गौआ औरौ बिशवाशियौं कै गिनती बौढ़दै लागै।
हाँव ताँव कैई ऐक ऊकी सचाऐं पर्गट करू: तू पतरस असो, आप्णी कलीसिया हाँव ऐसी ही पाथर गाशी बंणाऊँबा, अरह् अंदलोक नंरक के कुवाड़ ईन्दें गाशी हंक-अधिकार ने करी सको।
प्रभू की शक्त्ति तिनकी गईलो थी। अरह् बैजाऐ भहित्ते लोग बिश्वाष करियों प्रभू के ढबे फिरे।
ऐशा दाँई प्रभू का बचन जोर-शोर शा दूरे-दूरे तोड़ी फईल्दा लागा।
परह् जे ऐजो से पंण्मिश्वर की तरफ शो असो, तअ तुऐं तिनको किऐ ने करी सक्दे; अरह् कोदी ऐशो ने हों, के तुऐं पंण्मिश्वर आरी भे लड़णों वाल़े ने बंणों।”
तबे पंण्मिश्वर का बचन फऐल्दा लागा, अरह् तबे यरूशलेम दी चैले की गिनती बैजाऐ बड़्दी लागी; अरह् तबे बैजाऐ याजकों ऐं भे बिश्वाष करियों तिनका मंत्त माँनी पाया।
जू तुँओं कैई पऐची रूआ, अरह् जेष्णाँ संईसारी दा भे फल़ लेआँव अरह् से बढ़दा ज़ाँव, तेष्णा ही जेस देसो शे तुँऐं तेसी बचन शुँणा अरह् सच्चाई शी पंण्मिश्वर की कृपा जाँणी, अरह् सोत्तिखे सम्झ़ी पाऐ।
आखरी दी, हे भाऐ-बंईणों, आँमों खे प्रार्थना करिया करह्, के प्रभू का बचन ऐशा झट् फईलो, अरह् बड़ियाऐ पाँव, जेष्णाँ तुँओं मुँझी फईला,