सेजा बिश्वाष ही थिया, के बिना देखी चींजो के बारे दे ऋषी-नूँह खे पंण्मिश्वर कैई शी आगे ही चिताँव्णीं भेटी; अरह् तेने तियों चिताँव्णीं भेट्दे ही आप्णें कुड़बे बंचाँणों खे ऐक पाँणीं गाशी चाल्णों वाल़ो बड़ो जहाँज बाँणों; अरह् तेने आप्णें बिश्वाष के कारण ही ईयों संईसारी दुषी-कसूरबार बंणाँऐ, अरह् तियों धार्मिक्त्ता का हंकदार बँणा; जुण्जा हंक बिश्वाष कर्णो के कारण भेंटो।