15 मसीया अरह् शैतान का मेल का असो? के बिश्वाषी आरी बै-बिश्वाषी का नाँता का असो?
15 औरौ मसीह का शैतान कै साथै का लगाव औसौ? या बिशवाशी कै साथै अबिशवाशी का, का नाता?
अरह् जुण्जे बिश्वाष कर्ले, अरह् नहाँण-नहाँले से मुँक्त्त हंऐयों बंची ज़ाले, परह् जुण्जे बिश्वाष ने कर्ले, से दागी अरह् तिनखे सजा भेटली।
प्रभू दा बिश्वाष कर्णो वाल़े, लोगों के गिनत्ती बैजाऐ बड़्दी रंऐ: तबे मरोद् अरह् तिरंई के ऐक बैशुमार मँडली बंणी गऐ।
परह् संत्त-पतरस ऐ तैस्खे बुलो, “ऊँगल़ी ज़ाँव तेरो, अरह् नाँष हों तेरा धंन-दोल्त्त, अरह् छतिया नाँष हो तेरे रूपिया! किन्देंखे के तुँऐं पंण्मिश्वर का बर्दाण रूपिया लई खर्दोणों का बिचार करा।
तुँओं मुँझी भाऐ-भाऐ का मुक्दमा हों, अरह् सेजा भे बै-बिश्वाषी लोगो के साम्णें।
परह् जे कुँऐं आप्णे लोगों का अरह् खास-करियों आप्णें घराने का फिकर ने करह्, तअ तेने बिश्वाष करणाँ छ़ुड़ी दिता, अरह् से बैबिश्वाषी शा भे बुरा बंणी गुवा।
तिनू मसीया के जाँणें ही तुँऐं तिनू पंणमिश्वर गाशी बिश्वाष करह्, जिन्ऐं तिनू मरे अंदे मुँझ्शे ऊबे जीयाल़े, अरह् बड़ियाऐं दिती, के तुँवारा बिश्वाष अरह् भूर्षा पंणमिश्वर गाशी हों।