3 अमाँरी ऐजी पाक्की धावना असो; के आँमें स्वर्गिऐं घर दे ज़ाऐयों हजो बै-घर ने हंऊँबे।
3 कै जोबै आमु सैजा स्वर्गीय शोरीर भैटला, तौ आमै बिना शोरीर कै ना रौंदै।
तअ: जाँव तोड़ी आँमें ऐसी घर दे असो, ताँव-तोड़ी रूदे लेल्याँदें रंह्, अरह् ऐजो चहाँव के आप्णें स्वर्गो के घर दे ज़ाँऐयों बंसुबे।
अरह् आँमें ऐसी डेरे दे रंह्ऐयों बोझ़ दे दब्बे रह्ऐयों रूदे रंह्, आँमें ऐसी खुल्णा ने चहाँदे, अरह् हजो ओका नुवा बाँम्णा चहाँव; जू ऐजा मरहण हार असो, से जीवन दा डुब्बी ज़ाँव।
“चित्ते थुऐ: हाँव चोर जेष्णाँ आँदा! भागोईत असो, सेजा जू बीऊँजी रंह्, अरह् आप्णें खोट्णों के च़क्क्षी करह्, के हाँव लोगों के सहाँम्णें नाँग्गी हऐयों शर्मिन्दा ने हंऊँ।”
ईन्देंखे हाँव ताँव्खे मंत्त-शीख देऊँ, के आगी दो भाड़ो अंदों सुन्नों मुँह कैई शो मोंले लो, के तू धनी-सैठ बंणी ज़ाऐ, अरह् चीट्टे खोट्णों करह् के बाँम्बियों ताँव आप्णें नाँगे-पंण की शर्मिंन्दगी ने हों, अरह् आप्णी आखी दा लाँणों वाल़ा शुरमा करह् के तेरे आगू देखिलो।