11 किन्देंखे के आँमें जींन्दे जीऊँ सदा यीशू के जाँणें मंऊँती के हाथो दे दिऐ ज़ाँव, के यीशू का जीवन भी अमाँरे नाँष बाँन देह्-शरीर दा पर्गट हों।
जे तेस्की ही आत्त्मा जिन्ऐं यीशू मरे अंदे मुँझ्शे जीऊँदे करे, से तुँओं दे बसे आँदें असो; तअ जिन्ऐं यीशू मसीया मरे अंदे मुँझ्षा जींऊँदा करा, से तुवाँरे देह्-शरीर भे आप्णी आत्त्मा के जाँणें जुण्जा तुँओं दा बसा अंदा असो, से जियाल़्दा ऐ।
जेष्णों पबित्र-ग्रन्थों दो लिखी थो, “तेरी ताँईऐं आँमों देसभरी घात करे ज़ाँव; आँमों काट्णों वाल़ी, भैड़ो के समाँन गिंणें ज़ाँव।”
हे मेरे भाऐ बंईणों, मुँह तेसी तारीफ की शौह्, जू अमाँरे प्रभू यीशू मसीया दा हाँव तुवाँरे बारे दा करू, के हाँव रोज मंरू।
अरह् जेष्णाँ आँमें तेस्का रूप धारण करा, जू सेजा माँटी का थिया, तेष्णा ही तिनू स्वर्गो वाल़े का रूप भे आँमें धारण कर्दे।
आँमें प्रभू यीशू की मऊँत आप्णी देह्-शरीर दी हर बख्त लऐयों फिरो, के प्रभू यीशू का जीवन अमाँरी देह्-शरीर दा पर्गट हों।
ऐशा दाँई मंऊँत्त आँमों गाशी असर पाँव, अरह् जीवन तुँओं गाशी।
अरह् आँमें ऐसी डेरे दे रंह्ऐयों बोझ़ दे दब्बे रह्ऐयों रूदे रंह्, आँमें ऐसी खुल्णा ने चहाँदे, अरह् हजो ओका नुवा बाँम्णा चहाँव; जू ऐजा मरहण हार असो, से जीवन दा डुब्बी ज़ाँव।
अजाँण्दे जैष्णें असो, तबे भे जाँने-माँने असो; मरे अंदे जैष्णें असो, अरह् दे:खों ऐशो जाँणियों के जींऊँदे असो; माँर खाणों वाल़े जिऐ असो, परह् जीयाँन-पराँण दे मारे ने ज़ाँदे;