हे भाऐ-बंईणों, अरह् प्रभू के प्यारे लोगो, ऐशो हुओ चेंई के आँमें तुवाँरे बारे दे सदा पंण्मिश्वर का धन्यबाद कर्दे रंह्, किन्देंखे के पंण्मिश्वर ऐ शुरू शे ही तुँओं च़ूणीं-छाँटी थुऐ; के पबित्र-आत्त्मा के जाँणें पबित्र बंणियों, अरह् सच्चाई का बिश्वाष करियों मुँक्त्ति पाँव,