1 मुँऐ आप्णे सासो दो ऐजो ठाणी पाव थियों, के हजो तुँओं कैई उदास करदा ने आँऊ।
1 मोऐं आपणै मन दौ ऐजौ ठाणै दियु थियु कै औटेयौ तोंवारै धोरे आयौ खै तुऔं दुख नै दियु।
तबे चैले ऐ ऐजा फऐंस्ला करा, के ऐक नाँम आदमी आप्णी-आप्णी कंमाँई के मुँताबिक शा यहूदिया दे रंहणों वाल़े, बिश्वाषी भाऐ-बंईणों की सहाऐता खे किऐ डेयाल़ो।
ईयों बातों दे संत्त-पौलुस अरह् संत्त-बरनबास के तिनू लोगो आरी बैजाऐ बोल-चाल हंऐ; अरह् तबे ऐजी पाक्की ठाट हऐ, के संत्त-पौलुस, अरह् संत्त-बरनबास, अन्ताकिया के कुछ लोगो आरी; यरूशलेम खे ज़ाले, अरह् ईयों बातो के चर्चा खास-चैले, अरह् यरूशलेम के बादे बुड़े-बुजूर्गो आरी कर्ले।
तबे बरनबास ऐ यूहन्ना जेस्खे मरकुस बुली थिया, तेसी आपु आरी साथी नींणों का बिचार करा।
किन्देंखे के मुँऐं ऐजो ठाणी पाव थियो, के तुँओं मुँझी यीशू मसीया जिनू शुँल़ी-फ़ाँशी चढ़ाऐं गुवे थिऐ; हाँव तिन्के सुवाऐ ओकी किऐ बात ने जाँणू।
तुँऐं का चहाँव? कियों हाँव छीठे थागियों तुँओं कैई आँऊ, के पियार अरह् नरमाँऐं की आत्त्मा आरी आँऊ?
हाँव देह्-शरीर के भाव शा तअ तुँओं शा दुरका असो, परह् आत्त्मा के भाव शा ऐशा जाँणों के हाँव हमेशा तुँओं आरी ही असो, परह् ऐष्णी काँम-काज़ कर्णो वाल़े खे मुँऐं ऐजी अज्ञाँ देऐ थऐ
हाँव पंण्मिश्वर खे गुवाह्-शाज़्त जाँणियों बुलू, के हाँव हेभी तोड़ी कुरिन्थुस दा ईन्देखे ने आई, के मुँह तुँवारी घीणों लागो थी।
मुँऐं दुर्के रंऐयों ऐजी बातो ईन्देखे लिखी लई, के तेथै हाजीर हणों गाशी मुँह प्रभू के जाँणें दिते गुऐ हंक-अधिकार ईसत्तेमाल़ शक्त्ती शा ने करणा पड़ो; ऐसी हंक-अधिका का मंतलव बड़ोत्री असो, नाष करणा ने आथी।
बड़े दु:ख-कल़ेष अरह् मंन के कष्ट दे मुँऐ बैजाऐ आशु बुआऐ-बुआऐयों तुँओं खे लिखी थो, ईन्देंखे ने के तुँऐं उदास हों, परह् ईन्देंखे के तुँऐं सेजो बड़ो पियार जाँणी पाव, जुण्जो मेरे तुँओं आरी असो।
जबे हाँव ताँव कैईं भाऐ-अरतिमास, अरह् भाऐ-तुखिकुस डेयाल़ुबा, तअ मुँह कैईं निकुपुलिस नंगर दी आँणों की कोशिष करे, किन्देंखे के मुँऐं तेथै हेंऊँदो काट्णों का ईरादा करी थुवा।