30 जे तारीफ करणा जरूरी ही असो, तअ हाँव आप्णी कंमजूरी की बातो गाशी तारीफ करूबा।
30 जै घमण्ड कौरणा जौरुरी औसौ, तौ हांव आपणै कमजोरी कै बातौ पांदी घमण्ड कौरदा।
प्रभू यीशू बादे गलील दे, रिट्दे-फीर्दें, अरह् यहूदियों के चौत्रें दे शिक्क्षा देंदे रूऐ, स्वर्ग राज्य के पंणमिश्वर की खुषख्बरी का प्रचार कर्दे लागे; अरह् प्रभू लोगो की साँत्त-भाँत्ती बीमारी अरह् रोग, अरह् बादी कंमजूरी दूर कर्दे रूऐ।
हाँव कंमजूरी अरह् डरियों, अरह् बैजाऐ काँम्ब्लियों तुँवारी गईलो रूआ;
मतल्व घमन्ड करणा मुँखे ठीक ने आथी, तबे भे करणा पड़ो; ईन्देंखे हाँव प्रभू के दिऐ गुऐ दिब्यदर्शणों अरह् प्रकाष्णों की चरचा बखाँण करूबा।
ऐबे हाँव तिनू दु:खो के जाँणें आँनन्द करू, जू हाँव तुँवारी ताँईऐं ऊठाऊँ; मसीया ऐ आप्णी देह्-शरीर मतल्व कलीसिया की ताँईऐं जू दु:ख भोगी थुवा, तिन्दी जुण्जी किऐ कंम्मीं-पैशी रंऐ रई, हाँव तियों आप्णी देह्-शरीर दी पुरी करूबा।