“हाँव तेरे काँम-काज़, अरह् तेरी मेंह्नत, अरह् तेरे धीरज जाँणू ऐ; अरह् ऐजो भे के तू बूरे लोग संह्ऐन ने करी सक्दा, अरह् जुण्जे आपु-आप्खे प्रभू यीशू के खास-चैला बुलो, सेजे प्रभू यीशू के खास-चैले ने आथी, तिनू तुँऐं जाँचि-पर्खियों देखे के से झुठे लोग असो।
तू बुले, के हाँव धनी-सैठ असो, अरह् अमीर बंणी रूवा, अरह् मेरे कोसी भी चींजो की कंम्मी ने आथी; अरह् तू ऐजो ने जाँण्दा, के तू नींरभाग, अरह् छुट्टा, अरह् कंगाल, अरह् शैड़ा, अरह् नाँगा असो।