ईन्देंखे जाँव तोड़ी प्रभू ने आँव, तेसी बख्तो शा आगे कोसी भी बातो का नियाँव ने करे: किन्देंखे के से ईनाँरे दी दब्बी अंदी बातो आपु पियाशै दी दे:खाले, अरह् आदमी के मंन के बिचार भे आपु पर्गट कर्लें, तबे पंणमिश्वर की ढबे शी ऐकी नाँमों के बड़ियाऐ हली।
किन्देंखे के कुछ लोग बुलो, “के पौलुस की चीट्ठी-पत्री गहीरी अरह् असरदार असो; परह् जबे से साम्णें हों, तअ से देह्-शरीर शा कंंमजोर अरह् बात-चींत्त कर्दे हल़्का जाँणियों।”