से तुँओं सोभी लोगो खे ऐजी मंत्त-शिख्ह देंदे, के तुँऐं जाज्ड़े ने बाँणें, अरह् किऐ खाँणों-पिणों की चींजो भे छाँट्दे के तुँऐं ईनू भे ने खाऐ, किन्देंखे के पंण्मिश्वर ऐ बादी खाँणों की चींजो खाँणों खे ही बाँणीं थई, ईन्देंखे के बिश्वाषी अरह् संच्चाई की पछ़याण कर्णो वाल़े ईनू चींजो खे धन्यबाद देऐयों खाँव।
अरह् बिश्वाष के कारण आँमें जाँणीं पाँव, के पंण्मिश्वर के शब्द के कारण बादी संईसारी के रंचणाँ करी गंऐ; परह् ऐजी संईसारी की जुण्जी चींजों ऐत्त्लों देखाई दी पड़ो सेजी बिना देखी चीजों के कारण बंणाँई गंई।