20 ऋषियों की बरंम्बाणीं छुटी ने जाँणें।
20 ऐजौ ना सुंचौ कै पौरमेशवरे आपणै लोगौ खै जू हौणौवाल़ी बातौ प्रकट कौरे रैई सैजी बैकार औसौ।
बड़ो नंगर अन्ताकिया की कलीसिया दे कंऐयों ऋषी अरह् शिक्क्षा देणों वाल़े थिऐ: जेष्णाँ के बरनबास अरह् शमौन जेस्खे नीगर बुली थिया; अरह् लूकियुस कुरेने का रंहणों वाल़ा, अरह् राजा हेरोदेस की गईलो पाल़ा-धाच़ा गुवा, मनाहेम, अरह् शाऊल।
जबे संत्त-पौलुस ऐ तिनू गाशी आप्णें हाथ थुऐं, तअ तिनू गाशी पबित्र-आत्त्मा ऊत्री, अरह् से साँत्त-भाँत्ति भाषा बुल्दे अरह् बरंम्बाँणीं कर्दे लागे।
जू मरोद् मूँड खटियों प्रार्थना के बरंम्बाणीं करह्, से आप्णें मुँढों के बैस्त्ती करह्।
तबे भे कोसी खे शक्त्ति की काँम-काज़ कर्णो के शक्त्ति देंई, अरह् कोसी खे बरंम्बाणीं कर्णो का दाँण, अरह् कोसी खे आत्त्मों की परख-पछयाँण कर्णो का बर्दांण, अरह् कोसी खे साँत-भाँती अंण-जाँण भाषा, अरह् कोसी खे तिनू साँत-भाँती अंण-जाँण भाषा सम्झाँणों का बर्दांण दिया ज़ाँव।
कलीसिया दे पंणमिश्वरे ज़ई-ज़ई आदमी चुणी थुऐ: आगें प्रभू यीशू के खास-चैले, दुज़े ऋषी, चीज़े शिक्क्षा देणों वाल़े, अरह् तिनू पाछ़ी शक्त्तिशाली काँम-काज़ चंगा कर्णो वाल़े, भलाई कर्णो वाल़े, अरह् अगुवाही कर्णो वाल़े, अरह् साँत्त-भाँती अंण-जाँण भाषा बुल्णों वाल़े।
अरह् जे हाँव बरंम्बाणीं करी सकू, अरह् बादे भैद् अरह् साँत-भाँते ज्ञाँन जाँणू सम्झू, अरह् मुँह ऐथै तोड़ी पुरा बिश्वाष हों, के हाँव धार-टिम्बड़ी भे हटाऐ देऊँ, अरह् हाँव पियार ने करू, तअ हाँव किऐ ने आथी।
किन्देंखे के अमाँरा ज्ञाँन आधा-अ-धुरा असो, अरह् अमाँरी, बरंम्बाणीं भे आधी-अ-धुरी असो;
पियार कर्णो की कोशिष करह्, अरह् आत्त्मिक बर्दांनों की लगंन दे रंह्, खास करियों ऐजो के बरंम्बाणीं करह्।
ईन्देंखे जू कुँऐं ईयों शिक्क्षा निकारी जाँणों, से कोसी आदमी ने, परह् तेसी पंण्मिश्वर खे निकारा जाँणों जू आप्णी पबित्र-आत्त्मा तुँओं खे दियों।
हे प्यारों, सोभी आत्त्मा का बिश्वाष ने करे, परह् आत्त्मा के परख करह्, के सेजी आत्त्मा पंण्मिश्वर की असो ऐ, के आथी ने; किन्देंखे के बैजाऐ झूठे ऋषी संईसारी दे ऋषी बंणियों चाल पड़े।