18 ऐशा ही दाँई ईनू बातो लंई ओका ओकी खे होंस्ला देऐया करह्।
18 इथकारिए इनु बातौ शै ऐकी दूजै खै तसल्ली दैया कौरौ।
जबे ऐजी बातो हंदी लागली तअ सीधे खल़ियो आप्णें मूँडो ऊबे करे, किन्देंखे के तुँओं खे छुट्कारा-मुँक्त्ति भेट्दी।”
तबे आँमें जू जीऊँदे अरह् बंचे अंदे असो, आँमों भे तिनकी गईलो बाद्ल़ो मुझी ऊबे टिप्दे, के बाद्ल़ो दे प्रभू कैई शे भेंटिऊँबे; अरह् तेषे दाँई आँमें प्रभू आरी संदा रह्ऊबे।
परह् हे भाऐ-बंईणों, ईन्देका मतल्व ऐजा ने आथी, के बख्त्तो अरह् ज़ूगौ के बारे दे तुओं कैई बुलो, अरह् लिखों ज़ाँव।
ईन्देंखे ओकी खे होंस्ला दियों, अरह् ओकी की बड़ोत्री का कारण बंणों; जेष्णों के तुँऐं करी भे लुओ।
हे भाऐ-बंईणों, आँमें तुँओं सम्झाओं के जू ठीक चाल ने चाल्दे तिनू सम्झाव; अरह् डराड़ो खे दीड़-हिम्मत दियों, कंमजोर संभाल़ो, सोभी आरी संय्नशिल्त्ता देखाव।
ईन्देंखे के ढीले हाथ अरह् कंमजोर घुडू सिधे करह्,