1 पतरस 3:5 - Sirmouri5 पुराँणें ज़ूगौ दी पबित्र तिरंई भी जू पंणमिश्वर गाशी भूर्षा करह् थी, से आपु-आप्खे ऐशी सजी-धजियों तियाँर रंह् थी, अरह् आप्णे-आप्णें घरवाल़े के बंष दी रंह् थी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम5 पुराणै सौमय कै बैटमाणिशौ जू पौरमेशवर पांदी आशा राखौ थी, सै आपणै घोरवाल़ै कै आज्ञा मानैयौ आपी खै ऐशैखैई सुन्दर बाणौ थी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अरह् जिऐं आप्णें भले काँम-काज़ लंई आपु खे नाँव कंमाँऐ थुवा हला, जिंऐ आप्णें नहाँन्ड़िया का आच्छ़ा पालना-पोष्ण करी थुवा हला; अरह् जिऐ पाँऊँणें-पंई का आच्छ़ा आदर-संत्तकार करी थुवा हला, अरह् जिऐं पबित्र लोगो के लात्त धोऐ थुऐ हंले; अरह् कोसी दींन, दु:खिया की मंद्दत्त करी थंऐ हली, अरह् जुण्जी सोभी आच्छ़ै काँम-काज़ दी मंगन रंह् हले।