किन्देंखे के जिन्ऐं ऐकी बई पंण्मिश्वर का ज्ञाँन, अरह् तिनका त्तैज-प्रकाष देखी पाया; अरह् जेने स्वर्गो के बरंदाँन का सुवाद चाखी पाया, से पबित्र-आत्त्मा का हिस्सेदार बंणी गुवा।
जे आँमें आदमी की गुवाऐ-शाज़्त माँनी पाँव, तअ तबे पंण्मिश्वर के गुवाऐ-शाज़्त तअ तिन्दे शी आछ़ी अरह् बड़ी असो; किन्देंखे के ऐजी पंण्मिश्वर के गुवाऐ-शाज़्त असो, जुण्जी तिन्ऐं आप्णें बैटे के बारे दी देऐ थऐ।