19 आँमों दा पियार-भाव ईन्देंखे असो; के आगे तिन्ऐं आँमों आरी पियार करी थो।
19 आमु पौरमेशवर औरौ ऐकी दुजैआरी इथकारिए प्यार कौरु, जिथुकै आगै पौरमेशवरे आमुआरी प्यार कौरा।
ईन्देंखे हाँव ताँव्खे बुलू, याँरे पाप जू बैजाऐ असो, से माफ हुऐ, किन्देंखे के ईऐं पियार शा भैजाऐ साँन माँनी थुवा; ईन्देंखे जैस्खे ठीको माँफ करी थो, से पियार शा साँन भे ठीका ही माँन्दा।”
तुँऐं मुँह ने चूणीं-छ़ाँटी थंई, परह् मुँऐं तुँओं चूणी-छाँटी थुऐ; अरह् तुँओं पाक्कै ठाली थुऐ, के तुँऐं संईसारी दे ज़ाऐयों फल़ आँणों; अरह् तुवाँरा फ़ल़ ऐशा हुवा चैई, जुण्जा पाक्का बंणाँ अंदा रंह्; जिन्दें लंई तुऐं मेरे नाँव शो जुण्जो किऐ माँगों, सेजो बाबा तुओं खे देऐ दियों।”
“किन्देंखे के पंण्मिश्वर ऐं संईसारी शो ऐत्रो प्यार करो, के तिन्ऐं आप्णा ऐक्लोत्ता बैटा देऐ दिता; किन्देंखे के जुण्जा कुँऐं तिनू गाशी बिश्वाष करला; से नाँष ने हों, परह् से अमर-जीवन पाँव।
परह् पबित्र-आत्त्मा का फल़ पियार, खुशी, शाँण्त्ति, धीरज, कृपा, भलाऐ, बिश्वाष,
पियार किऐ चींज ने आथी; पियार हों ऐ: पंण्मिश्वर आँमों शो पियार के जाँणें आप्णा बैटा अमाँरे पापों की पसतावे खे कुरबाँण बल़ी कराँणों खे डियाल़े—तिनू ईन्देंखे ने डियाल़ी, के आँमें पंण्मिश्वर शो पियार करी थो।
जे कुँऐं ऐशो बुलो, के “हाँव पंण्मिश्वर शो पियार करू” अरह् से आप्णे बिश्वाषी भाई-बंईणों दा शगाँऐयों तिनू आरी बईर करह्, तअ से झूठा असो; किन्देंखे के जेने आप्णे बिश्वाषी भाई-बंईणों दे:खियों भे तिनू आरी पियार ने करी, तअ पंण्मिश्वर शो जेसी तेने दे:खी ने थई, तैच़्छ़ौ से पियार करी सक्दा।