4 अरह् ऐजी बातो आँमें ईन्देंखे लिखो, के अमाँरी खुशी पुरी हऐ ज़ाँव।
4 औरौ ऐजी बातौ आमै इथकारिए लैखै लोई कै अमारै खुशी पोरे हौए जांव।
मुँऐं ऐजो तुँओं कैई ईन्देंखे बुली थो, के मेरी खुशी-आनन्द तुँओं दी बंणी अंदी रंह्; अरह् तुँवारी खुशी-आनन्द पुरी हऐ ज़ाँव।
हेभी तोड़ी तुँऐं मेरे नाँव शो बाबा कैई शो किऐ ने माँगी थई; माँगो, तअ तुँओं खे जरूर भेंट्लो, जिन्दें लंई तुवाँरी खुशी-आँनन्द पुरी हली।
जेस्की दुल्ह्न असो, सेजा ही दुल्हा असो; परह् दुह्ले का साथी जू दुह्ले की गईलो खह्ड़ा रंह्, अरह् से दुलेह् की बात शुँणियों; बैजाऐ खुशी हों: मेरी खुशी भे ऐष्णी ही असो, जुण्जी कैथी ऐबे ज़ाऐयों पुरी हऐ गऐ।
ऐजो ने के आँमें बिश्वाष के बारे दा तुँओं गाशी हंक-अधिकार जमाँणा चहाँव; परह् तुवाँरे आँनन्द-खुशी के साथी असो, किन्देंखे के तुँऐं बिश्वाष दे ही पाक्कै रंह।
अरह् मसीया को सेजो प्यार जाँणी पाँव, जुण्जो अमाँरे ज्ञाँन-सम्झ शो बाईरो असो; के तिन्दें लंई तुँऐं पंण्मिश्वर के बादी भरपुरी लंई शुरे-पुरे हऐ ज़ाँव।
मेरे प्यारे नहाँन्ड़िया, हाँव ऐजी बातो तुँओं खे ईन्देंखे लिखू, के तुँऐं पाप ने करह्; अरह् जे कुँऐं किऐ पाप करह्, तअ स्वर्गो के परमं-पिता पंण्मिश्वर के साम्णें अमाँरे पापो शा बचाव कर्णो वाल़ा ऐक असो; अरह् सेजा असो धर्मी प्रभू यीशू मसीया।
मेरे बैजाऐ बातो तुँओं खे लिख्णी ऐ, परह् हाँव कागत्त अरह् सियाही लई लिख्णों ने चहाँदा; परह् हाँव ऐजा भूर्षा करू, के हाँव आपु तुँओं कैई आऊँबा, अरह् आप्णें आँम्णें-सहाँम्णें तुँओं आरी बात-चीत्त करूबा जिन्दे लई आँमों सोभी की खुशी पुरी हों।