6 तुँओं मुँझी भाऐ-भाऐ का मुक्दमा हों, अरह् सेजा भे बै-बिश्वाषी लोगो के साम्णें।
6 इथै तौ ऐकी बिशवाशीए ओकी खै अदालत दा खिंची लौआ सै बै बायरै वाल़ौ कै सामणै।
दुज़े देसे जबे ऋषी मूसा ऐं आप्णें इस्राएली भाऐ आपु मुँझी झह्गड़िदें देखे, तअ तेने ऐजो बुलियों तिनू सहम्झाँणों के कोशिष करी; के ‘हे दोस्तो! तुऐं आपु मुँझी भाऐ ही भाऐ असो; तबे तुऐं आपु मुँझी ओका ओकी को बुरो कर्णो कैई चहाँव?’
कियों तुओं मुँझी कोसी दी ऐजी हिम्मत असो ऐ, के जबे ओकी आरी तुवाँरा झगड़ा हों, तअ तुँऐं आप्णा नियाँव कराणों खे पापी लोगो कैई ज़ाँव; परह् पबित्र लोगो कैई ने ज़ाँव?
परह् सत्तिखे तुँओं दा सब शा बड़ा कसूर ऐजा असो; के तुऐं आपु मुझी ओका ओकी का मुक्दमा करह्: अरह् अनियाँऐं कैई ने सह्ऐन कर्दे? आप्णाँ नुकसाँन कैई ने संह्दें?
बै-बिश्वाषियों आरी असमाँन शमाँई दो नें जुंन्डे; किन्देंखे के धार्मिक्त्ता अरह् अ-धर्म का किऐ मेल-झुल ने आथी? के ज्योति-प्रकाष अरह् ईनाँरे को का साथ असो?
मसीया अरह् शैतान का मेल का असो? के बिश्वाषी आरी बै-बिश्वाषी का नाँता का असो?
परह् जे कुँऐं आप्णे लोगों का अरह् खास-करियों आप्णें घराने का फिकर ने करह्, तअ तेने बिश्वाष करणाँ छ़ुड़ी दिता, अरह् से बैबिश्वाषी शा भे बुरा बंणी गुवा।