मेरा ऐजा मंतल्व तअ बिलकुल ने थी, के तुऐं ईयों संईसारी के ईनू बादे आदमी शे, जुण्जे बुरे बिचकै काँम-काज़ कर्णो वाल़े अरह् लुभी, ठंग, के अनियाँऐं कर्णो वाल़े जुण्जे दुष्ट-मुँर्त्ती पुज्णों वाल़े असो; तुँऐं ईनू आरी आप्णा किऐ भे नाँता रिष्ता ने थुऐं; तबे तअ तुऐं ईयों संईसारी दे रंऐ ही ने सक्दे, परह् तबे तअ ऐजी संईसारी तुँओं हमेशा खे छुड़ी ही देंणी पड़ो।