किन्देंखे के आँमें ईनू भहीते जैष्णें ने आथी, जू पंण्मिश्वर के बचन दी मिलावट करह्; परह् मंन की सच्चाई शे अरह् पंण्मिश्वर की ढबे शे पंण्मिश्वर हाजिर जाँणियों मसीया दो बुलो।
परह् आँमें बै-शर्मी की अरह् चुप्पी की काँम-काज़ छ़ुड़ी दिती, ना चपलुसी शे चाल्दे, अरह् ना पंण्मिश्वर के बचन दी किऐं मिलावट कर्दे; परह् सच्चाऐ पर्गट करियों, पंण्मिश्वर के साम्णें ऐक नाँम आदमी के मंन दी आप्णी भलाऐ बईठाल़ो।