किन्देंखे के जे कोसी दास-बैटू की दषा दा प्रभू ऐ बय्दी थुवा, तअ से प्रभू का अजाद करा अंदा असो। अरह् जेसी अजादी की दषा दा बऐदी थुवा, से मसीया का दास असो।
तुँऐं ईन्ही बातो दे:खो, जू आ:खी के साम्णें असो; जे कोसी के आपु गाशी ऐजा भूर्षा हों, के हाँव मसीया का जंण असो, तअ से ऐजो भे जाँणी पाँव; के जैष्णाँ से मसीया का जंण असो, तैष्णें ही आँमें भे मसीया के जंण असो।