20 अरह् तबे, “प्रभू ज्ञाँनियों के बिचार जाँणों ऐ, के से बै-कार असो।”
20 पवित्र शास्त्र बै बौल़ौए, प्रभु ज्ञानियों कै विचारो खै जाणौए, कै सै बैकार औसौ।”
ईन्देकी ताँईऐं के पंणमिश्वर जाँण्णों गाशी भे तिन्ऐ पंणमिश्वर ज़ुगी बड़ियाऐं अरह् धन्यबाद ने करी, परह् बेकार के बिचार कर्दें लागे, ऐथै तोड़ी के तिनका बे-अकला मंन बुराई शा भरी गुवा।
ईन्दें चौक्क्ष रूऐ, के कुँऐं तुँओं ईनू देखावे के ज्ञाँन अरह् बै-कार के धोखे दे आप्णें बष दे ने करी पाँव; जुण्जी के आदमी के रित्ति-रूवाज अरह् संईसारी के पुराँणी शिक्क्षा असो, जुण्जी के मसीया के हिसाब शी ने आथी।