21 मुँऐं पौलुस ऐ आप्णे हाथे नमंष्कार लिखी थुवा।
21 हांव पौलुस तुऔं खै आपणै हाथौ लैई नमशकार लिखु: जै कुणिए प्रभु आरी प्यार ना राखौ तौ सै शरापित औसौ।
मुखे पत्री के लिखणों वाल़े तिरतियुस का, प्रभू दा तुँओं खे, नमंष्कार।
दे:खो, मुँऐ कैष्णे बड़े-बड़े अक्क्षरो आरी, आप्णें हाथे लिखी थो।
मेरा पौलुस का आप्णे हाथे लिखा अंदा नमंष्कार। हाँव हेबी भे कय्द असो, ऐजो तुऐ भे चित्ते थुऐं; अरह् तुँओंखे शाँण्त्ति भेटो। आमीन
हाँव, पौलुस, आप्णे हाथे तुँओं खे नमंष्कार लिखू। बादी पत्री दी मेरी ऐजी ही पछयाँण असो; हाँव ऐष्णों ही लिखू।
मुँऐ पौलुस ऐ आप्णे हाथै लिखी लों, के हाँव आपु आगु देऊँबा; अरह् ऐस्खे बुल्णों के किऐ जरूरत ने आथी, के मेरी कर्जी जुण्जी ताँव कैई असो, से तू ही असो।