तबे खास बात तअ ऐजे असो, के जे सेजी पाऐ भट्की अंदी भैंड़ जुऐयों आँणों, तअ सेजी निन्याँणूवें के बजाऐ, जुण्जी पाऐ भट्की ने रंई थी, तियों ऐकी की ताँईऐं बैजाऐ खुशी हों, जुण्जी पाऐ भट्की रंऐ थी।
सेजे लोग पंणमिश्वर की धार्मिक बिधी आछ़ी-भली जाँणों थिऐ, के ऐष्णी-ऐष्णी काँम-काज़ कर्णो वाल़े, मऊँती की सजा ज़ूगै असो; परह् से आपु तअ ऐष्णें बुरे काँम-काज़ करह् ही थिऐं, परह् जे कुँऐं ओके करह् थिऐं; तबे भे से तिन्शे खुशी हों थिऐ, अरह् आपु भे तिनका साथ करह् थिऐ।
किन्देंखे के कऐयों ऐशी चाल-चालो, जिनकी चर्चा मुँऐ तुँओं कैई बार-बार करी थऐ, अरह् ऐबे भे रूई-रूईयों बुलू; के कुछ़ लोग आप्णी चाल-चलण लंई यीशू मसीया की शुँल़ी-फ़ाँषी की कुरूबाँणीं के बऐरी असो।