5 अरह् सेवा भे कोऐं प्रकार के असो, परह् प्रभू ऐके ही असो;
5 जोई-जोई भांत कै काम औसौ जू आमु प्रभु कै खातिर कौरु पौरौ आमै सौबै ऐकैई प्रभु कै सेवा कौरु।
अरह् ना तुऐं आपु खे स्वामी बुले, किन्देंखे के तुवाँरा ऐक ही स्वामी असो, मतल्व मसीया।
पंण्मिश्वर ऐं इस्राएलियों खे आप्णा आच्छ़ा शुझ़ा दिता, अरह् यीशू मसीया के जाँणें, जुण्जे सोभी के प्रभू! पंण्मिश्वर असो: तिन कैई ही शाँण्त्ति की खुषख्बरी शुँणाँणों खे दिती।
बरदाँन तअ साँत्त-भाँत्ते असो, परह् पबित्र-आत्त्मा ऐक ही असो;
अरह् शक्त्तिशाली काँम-काज़ भे बैजाऐ असो, परह् पंणमिश्वर ऐक ही असो, जू सोभी दा साँत्त-भाँता आप्णा असर पय्दा करह्।
परह् आँमों खे तअ ऐक ही पंणमिश्वर असो: मतल्व परंम-पिता पंणमिश्वर जिनके जाँणें बादी चींजो असो, अरह् आँमें तिनके ही असो। अरह् ऐक ही प्रभू असो, मतल्व प्रभू यीशू मसीया जिनके जाँणें बादी चींजो बंणी, अरह् आँमें तिन्हीं के जाँणें असो।
अरह् परमं-पिता पंण्मिश्वर के बड़ियाऐं खे हर ऐक जीभ ऐजो माँनी पाँव के यीशू मसीया ही प्रभू असो।