ईन्देंके सुवाऐ पंण्मिश्वर ऐ चींह्न-चंम्त्तकार अरह् आप्णी कंई-किस्मं के अनोंख्हें काँमों के कारण: अरह् आप्णीं हिछ़या के मुँताबिक देऐ गंऐ पबित्र-आत्त्मा के तागत्त के कारण भी ईन्देंके घोष्णाँ करी थंऐ।
ऐकी नाँमों खे पंणमिश्वर के जाँणें खास बर्दाण भटी रूआ, ईन्देंखे से पंणमिश्वर के अपार कृपा के आछे भणडारी के रूप दे ओका ओकी की जरूर्तो पुरी कर्णो खे तिन्दें के ईसतेमाल करह्।